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एक अपील

ऐ घर पे बैठे तमाशबीन लोग लुट रहा है मुल्क, कब तलक रहोगे खामोश शिकवा नहीं है उनसे, जो है बेखबर पर तु तो सब जानता है, मैदान में क्यों नही...

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Saturday 14 July 2012

शंखनाद है हो चूका, आज़ादी पाने के लिए

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शंखनाद है हो चूका, आज़ादी पाने के लिए
इस सम्पूर्ण भारत को, भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए

उतर आया है इस जमीं पे आज
भगवान भी मानव बनकर
अपने सद्कर्मो से
भारत के लोगो का, सोये भाग्य जगाने के लिए

शंखनाद है हो चूका, आज़ादी पाने के लिए
इस सम्पूर्ण भारत को, भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए

बहुत सह लिए अन्याय हम
दर्द अब नहीं हो रहा कम
मानवता का निकल रहा दम
निकले है चंद लोग, भारत को बचाने के लिए

शंखनाद है हो चूका, आज़ादी पाने के लिए
इस सम्पूर्ण भारत को, भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए

आँखें मुंदी सरकार है
अब चुप बैठना बेकार है
मिटने को हम तैयार है
समय आ पंहुचा है, इस देश पर कुर्बान हो जाने के लिए

शंखनाद है हो चूका, आज़ादी पाने के लिए
इस सम्पूर्ण भारत को, भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए


Monday 9 July 2012

आज़ादी के लिए लड़ने वाली जूनून कि तलाश है

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आज़ादी के लिए लड़ने वाली जूनून कि तलाश है
एक और आजादी कि लड़ाई बहुत पास है

आज निकले है चंद लोग देश बचाने के लिए
हो रहे घोटालों से मुक्ति दिलाने के लिए
अपनी जान गवाकर लोगो कि खुशियाँ लौटाने के लिए
देश के लिए फ़ना होने वाली सरफरोशी कि आस है

आज़ादी के लिए लड़ने वाली जूनून कि तलाश है
एक और आजादी कि लड़ाई बहुत पास है

भारत माँ का आँचल है मैला हो चूका
सोने कि चिड़िया कहलाने का हक है खो चूका
जनता भी अब बहुत रो चुकी
जो अब भी नहीं जागा वो एक लाश है

आज़ादी के लिए लड़ने वाली जूनून कि तलाश है
एक और आजादी कि लड़ाई बहुत पास है

रिश्वतखोरी कि जड़े है बहुत गहरी
भ्रष्टाचार है लोगो के दिलोदिमाग में भरी
पुकार रहा है अपना ये जमीं
जो देश के लिए मिटेगा वो एक खास है

आज़ादी के लिए लड़ने वाली जूनून कि तलाश है
एक और आजादी कि लड़ाई बहुत पास है


Wednesday 4 July 2012

स्वतंत्रता दिवस (Independence Day)

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स्वतंत्रता दिवस जब आता है
हम सब में जोश भर जाता है
लाखों ने दी थी अपनी कुर्बानी
कइयो ने न्योछावर कि अपनी जवानी

वीरो ने लड़ी थी ये लड़ाई
सदियों बाद हमें जीत मिल पाई
कोई नहीं कर पायेगा उनकी भरपाई
जिन्होंने आजादी कि लड़ाई में जान गवाई

आज भी हमें याद है वो
आजादी के लिए लड़े थे जो
पर देश कि सरकार रही है सो
आजादी का सही मतलब रहा है खो

आमजनो कि आजादी रही है छीन
बर्ताव हो रहा इनके साथ औरो से भिन्न
आओ मिलकर एक ऐसा देश बनाए
सब रहे खुशी से ऐसा परिवेश बनाए

Friday 29 June 2012

एक ख्वाब को पूरा करने के लिए जी रहा हू (Only living to fulfill a dream)

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एक ख्वाब को पूरा करने के लिए जी रहा हू
ज़हर जिंदगी का मै किश्तों में पी रहा हू

ख्वाब है एक नया भारत बनाने का
अपनी सोच को आजमाने का
मै चाहता हू एक ऐसा देश
जहा हो अति सुन्दर परिवेश

एक ख्वाब को पूरा करने के लिए जी रहा हू
ज़हर जिंदगी का मै किश्तों में पी रहा हू

मिलकर रहे सभी धरम
अच्छे हो सबके करम
गरीबी और भुखमरी का न हो नामोनिशान
जिंदगी चले सबकी आसान

एक ख्वाब को पूरा करने के लिए जी रहा हू
ज़हर जिंदगी का मै किश्तों में पी रहा हू

राजनितिक हो विशुद्ध
देश की प्रगति हो उनका कर्मयुद्ध
जनता हो सर्वोपरि
काश हो जाए ऐसी जादूगरी

एक ख्वाब को पूरा करने के लिए जी रहा हू
ज़हर जिंदगी का मै किश्तों में पी रहा हू




Wednesday 27 June 2012

कब तक युहीं सोये रहोगे (How long will You sleep)

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कब तक युहीं सोये रहोगे
पुरानी यादों में खोये रहोगे

अब तो जाग जाओ
अब तो होश में आओ
देश क़ुरबानी मांग रहा है
तेरी ये जवानी मांग रहा है
कब तक युहीं सोये रहोगे
पुरानी यादों में खोये रहोगे

सच्चाई का गला घोटकर
लुट रहे है इसे अपने ही वतनवाले
देश बचाने के लिए निकले
कहाँ चले गए वो कफ़नवाले
कब तक युहीं सोये रहोगे
पुरानी यादों में खोये रहोगे

तेरी जरुरत है आन पड़ी
देश बचाने की समस्या है सामने खड़ी
तू जाग और सबको जगा
मिले सम्पूर्ण आज़ादी ऐसी क्रांति ला
कब तक युहीं सोये रहोगे
पुरानी यादों में खोये रहोगे


Monday 25 June 2012

आओ मिलकर एक ऐसा जहाँ हम बनाये (We have come together to create a world)

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आओ मिलकर एक ऐसा जहाँ हम बनाये
जहा हर कोई अपनी ज़िन्दगी जी पाए

जहा हर कोई आजाद हो
किसी की ज़िन्दगी न बरबाद हो
जहा हर किसी के सपने पुरे हो
कोई ख्वाहिश न अधूरे हो
आओ मिलकर एक ऐसा जहाँ हम बनाये
जहा हर कोई अपनी ज़िन्दगी जी पाए

एक ऐसा सुन्दर परिवेश हो
जिसमे किसी का किसी से न द्वेष हो
जहा झूठ का न हो नामोनिशान
सच बोलकर बने हर कोई महान
आओ मिलकर एक ऐसा जहाँ हम बनाये
जहा हर कोई अपनी ज़िन्दगी जी पाए

जहा पैसे से ज्यादा प्यार की अहमियत हो
सबके दिल में नेकी की नियत हो
जहा बड़ो का आदर हो
पर छोटो का न निरादर हो
आओ मिलकर एक ऐसा जहाँ हम बनाये
जहा हर कोई अपनी ज़िन्दगी जी पाए

पर दिल में है एक तूफ़ान (There is storm in my heart)

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खामोश है जुबान
पर दिल में है एक तूफ़ान

सहनशक्ति है अपना धैर्य खो चुकी
मानवता भी अब बहुत रो चुकी
अन्याय अब कोई न सहन होगा
मानवता भी अब कही न दफ़न होगा
खामोश है जुबान
पर दिल में है एक तूफ़ान

भ्रष्टाचारियो पर अब लगेगी लगाम
रिश्वतखोरी का होगा काम तमाम
हम करेंगे ऐसा काम
की भारत का हो ऊँचा नाम
खामोश है जुबान
पर दिल में है एक तूफ़ान

न्याय के लिए अब संघर्ष होगा
बलिदान देश के लिए सहर्ष होगा
अब साथ मिलकर चलना होगा
अधिकारों के लिए लड़ना होगा
खामोश है जुबान
पर दिल में है एक तूफ़ान


Friday 15 June 2012

उठो जागो और संघर्ष करो (Wake up and fight)

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उठो जागो और संघर्ष करो
मुश्किलों के दर्द पर तुम हर्ष करो

कंटीली है राहें बहुत
पर तुझे रुकना नहीं है
दुश्मन करेगा झुकाने की कोशिश बहुत
पर तुझे झुकना नहीं है
उठो जागो और संघर्ष करो
मुश्किलों के दर्द पर तुम हर्ष करो

भारत पहुंचे शीर्ष पर
रखो मन में केवल यही ध्येय
जो भी कठिनाई आये राहो में
कर ले तू उस पर विजय
उठो जागो और संघर्ष करो
मुश्किलों के दर्द पर तुम हर्ष करो

काम ऐसा कर की न रहे
नामोनिशान यहाँ भ्रष्टाचार का
पढ़ा दे पाठ आज तू
दुनिया को सदाचार का
उठो जागो और संघर्ष करो
मुश्किलों के दर्द पर तुम हर्ष करो

हर अन्याय का दे तू मुहतोड़ जवाब
हर एक दर्द का मांग ले हिसाब
हिम्मत से बढता रह इस राह पर
आसान होते जायेगा ये डगर
उठो जागो और संघर्ष करो
मुश्किलों के दर्द पर तुम हर्ष करो 



Wednesday 13 June 2012

कि देश आज बलिदान मांग रहा है (The country is asking for sacrifice)

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कि देश आज बलिदान मांग रहा है
रिश्वतखोरी हो रही आज हर जगह
दे रहा आज हर व्यक्ति एक दुसरे को दगा
भ्रष्टाचारियो को मिले जल्दी सजा
ऐसा अंजाम मांग रहा है
कि देश आज बलिदान मांग रहा है
चारो ओर हाहाकार मचा है
जुल्म के खिलाफ बोलना एक सजा है
न्याय मिले हर किसी को
ऐसा संविधान मांग रहा है
कि देश आज बलिदान मांग रहा है
महंगाई लोगो को तडपा रही है
कीमते आसमान छू जा रही है
मुनाफाखोरी पर लगे पूरी रोक
ऐसा कानून मांग रहा है
कि देश आज बलिदान मांग रहा है

Sunday 10 June 2012

समय आ पंहुचा है लड़ने का (The time has come to fight)

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समय आ पंहुचा है लड़ने का
अन्यायी और अत्याचारियों से झगड़ने का

यु चुपचाप अगर हम सहते रहे
तो ये जुल्म ख़तम न होगा
यु आँखें मूंदे अगर हम बैठे रहे
तो इस सितम का अंत न होगा
समय आ पंहुचा है लड़ने का
अन्यायी और अत्याचारियों से झगड़ने का

महंगाई बहुत बढ़ा रहे है
हमें आपस में लड़ा रहे है
जाति धर्म का भेद बता रहे है
हमें नफरत सिखा रहे है
समय आ पंहुचा है लड़ने का
अन्यायी और अत्याचारियों से झगड़ने का

देश को लूटना मकसद है इनका
बेच रहे है हर एक तिनका
झूठी बातो में बहलाते है
और संसद में पहुच जाते है
समय आ पंहुचा है लड़ने का
अन्यायी और अत्याचारियों से झगड़ने का


  

Monday 4 June 2012

वीर तुम कहलाओगे (You will be called warrior )

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कांच के जैसे सीने से
तुम मंजिल कैसे पाओगे

पत्थर सा सीना कर
तुम हर हाल में जीत जाओगे

कायरो सा जीना नहीं
अन्याय को मत सहनकर
लड़ते हुए गई जान अगर
तो शहीद तुम कहलाओगे

रखेंगे लोग याद तुझे
अमर तुम बन जाओगे

उठा हथियार अपनी
दुश्मनों का सर कलमकर
जीत गए तुम अगर
तो वीर तुम कहलाओगे

होगी चारो ओर तुम्हारी बाते
तुम प्रसिध्दि पाओगे

Thursday 31 May 2012

मेरा देश (My Country)

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एक अनोखा देश हमारा
जो हमको प्राणों से प्यारा
उत्तर में है हिमालय विशाल
मध्य में है नदियों का जाल
पश्चिम में फैला मरुस्थल
पूरब में है भरा पूरा जंगल
एक अनोखा देश हमारा
जो हमको प्राणों से प्यारा
दक्षिण में है हिंद महासागर
पश्चिम में है अरब सागर
बंगाल की खाड़ी है पूरब में
देश हमारा प्रायदीप की सूरत में
एक अनोखा देश हमारा
जो हमको प्राणों से प्यारा
कई भाषा और बोलिया यहाँ पर
कई धर्म और मजहब जहा पर
कई छोटे द्वीप यहाँ पर
बड़े बड़े पठार जहा पर
एक अनोखा देश हमारा
जो हमको प्राणों से प्यारा

Tuesday 29 May 2012

सबसे प्यारा गाँव हमारा (Our fondest village)

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सबसे प्यारा गाँव हमारा
हमको है प्राणों से प्यारा
स्वच्छ हवा बहती यहाँ है
स्वच्छ जल मिलती यहाँ है
खेत खलिहानों से भरा पूरा गाँव है
यहाँ हर तरफ पेड़ो की छाँव है
सबसे प्यारा गाँव हमारा
हमको है प्राणों से प्यारा
हर त्यौहार को उल्लास से मनाते है
बड़े बड़े तालाबो में नहाने हम जाते है
पर्यावरण का  ख्याल हम रखते
पेड़ो की रखवाली हम करते
सबसे प्यारा गाँव हमारा
हमको है प्राणों से प्यारा
बड़ो का यहाँ है आदर सम्मान
मुझको है अपने गाँव पे अभिमान
सादगी से सब जीवन जीते
गायो का पौष्टिक दूध सब पीते
सबसे प्यारा गाँव हमारा
हमको है प्राणों से प्यारा

Sunday 27 May 2012

गाँधी और भगत सिंह (Gandhi And Bhagat Singh)

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मै जितना गाँधी को जानता हु
उतना ही भगत सिंह को भी मानता हु
गाँधी की सादगी मुझे भाती है
तो भगत की तीखी तेवर मुझे उकसाती है
गाँधी की सत्याग्रह मुझे पसंद है
तो कुर्बान होने की भगत के ललक में भी आनंद है
मै जितना गाँधी को जानता हु
उतना ही भगत सिंह को भी मानता हु
गाँधी का असहयोग सब पे भारी है
तो भगत के क्रांति के विचार के हम आभारी है
गाँधी का मौन उचित था
तो भगत का अंग्रेजो को डराना भी सही था
मै जितना गाँधी को जानता हु
उतना ही भगत सिंह को भी मानता हु
गाँधी को महात्मा पुकारना अच्छा लगता है
तो भगत को शहीद -ए-आजम बुलाना सच्चा लगता है
गाँधी राष्ट्र के पिता है
तो भगत युवाओ के जान है
गाँधी और भगत दोनों महान है
मै जितना गाँधी को जानता हु
उतना ही भगत सिंह को भी मानता हु

Thursday 17 May 2012

सपनो का भारत (India Of Dream)

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खून का हर एक कतरा वतन के नाम हम करेंगे
अपनी जवानी को बदनाम न हम करेंगे
वतन के लिए ही जियेंगे और वतन के लिए ही मरेंगे
जो वतन की राह में आया उसे मिटा दिया हम करेंगे
भ्रष्टाचार मुक्त वतन का निर्माण हम करेंगे
सबको न्याय मिले ऐसी व्यवस्था हम करेंगे
बेरोजगारी में न फिर कोई दिन गुजरेगा
सब हाथो को मिले रोजगार ऐसी व्यवस्था हम रखेंगे
महंगाई को हम न बढने देंगे
किसी किसान को न आत्महत्या करने देंगे
भय और आतंक को न हम बढने देंगे
ऐसी सुरक्षित भारत का निर्माण हम करेंगे