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एक अपील

ऐ घर पे बैठे तमाशबीन लोग लुट रहा है मुल्क, कब तलक रहोगे खामोश शिकवा नहीं है उनसे, जो है बेखबर पर तु तो सब जानता है, मैदान में क्यों नही...

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Wednesday 4 July 2012

एक अनाथ कि भावनाए (Feelings of an orphan)

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दुनिया कि भीड़ में, मै अकेला चल रहा हू
कभी उदास बैठा हू, तो कभी खुशी से उछल रहा हू

अपना कोई है नहीं, पराया किसी को कहते नहीं
मिलता है जो खुशी से, मिलते है हम भी हँसी से
तन्हाई से है प्यार, किसी का न इंतज़ार
कभी शहर तो कभी पेशा बदल रहा हू

दुनिया कि भीड़ में, मै अकेला चल रहा हू
कभी उदास बैठा हू, तो कभी खुशी से उछल रहा हू

मेहनत कि खाता हू, चैन से सो जाता हू
घर कभी बनाया नहीं, रह लेता हू मै हर कही
करता हू काम सच्चाई से, प्यार है अच्छाई से
माँ कि ममता के लिए तिल तिल पिघल रहा हू

दुनिया कि भीड़ में, मै अकेला चल रहा हू
कभी उदास बैठा हू, तो कभी खुशी से उछल रहा हू

गाडी बंगले का शौक नहीं, सादा जीवन ही सही
नहीं है मुझमे कोई व्यसन, जो भी कपडे मिल जाये लेता हू पहन
अनजान है ये डगर ,अनजान है ये सफर
देखकर दूसरे परिवारों को इर्ष्या से जल रहा हू

दुनिया कि भीड़ में, मै अकेला चल रहा हू
कभी उदास बैठा हू, तो कभी खुशी से उछल रहा हू


Sunday 1 July 2012

जाने किस गलती कि सजा पा रहा हू (What is the mistake being punished)

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जाने किस गलती कि सजा पा रहा हू
क्यों मै ऐसे तड़प सा रहा हू
ज़हर जिंदगी का पिए जा रहा हू
क्यों मै ऐसे जिए जा रहा हू

रातो में चैन कि नींद नहीं मिलती
दिन में भी सुकून नहीं मिलती
हम काम करे तो कैसे करे
अब तो वो जूनून भी नहीं मिलती

अच्छे कामो के भी बुरे परिणाम निकल जाते है
सच बोलकर भी हम झूठे कहलाते है
अपनों के बीच में पराये हम बन जाते है
भीड़ में भी तन्हा हम अपने को पाते है

सब कुछ तो खो दिया है हमने
अब तो बहुत रो लिया है हमने
कब गुजरेगी ये काली रात
कब होगी खुशियों कि बरसात 

वो लड़की (That Girl)

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चांदनी से सराबोर वो हसीन रात
याद है मुझे उसकी हर एक बात
उसका हर शब्दों के बाद पलके झपकाना
हर बात पे उसका यु मुस्कुराना

झिलमिल सितारों से भरी आसमान
दिल में जगा रहे थे कई अरमान
घूर रहा था उसको मै होके हैरान
मज़ा आ रहा था करने में उसको परेशान

सरगम सी सुरीली उसकी आवाज़
छेड रहे थे दिल में कई साज
उठकर जब वो जाने लगी
आँखों में मेरे आंसू आने लगी

छोड़ गयी अपनी यादो कि बारात
जाने फिर कब मिलना होगा उसके साथ
जब भी वो याद आती है
दिल को बड़ा तडपाती है


Friday 15 June 2012

ज़िन्दगी कुछ अधूरी सी लगती है (Life tends to be incomplete)

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ज़िन्दगी कुछ अधूरी सी लगती है
पल पल में न जाने क्यों बहकती है

समझ नहीं आ रहा किसकी तलाश है
क्यों लगता हर समय प्यास है
अँधेरे में रौशनी की तलाश है
तो उजाले में छाया की आस है
ज़िन्दगी कुछ अधूरी सी लगती है
पल पल में न जाने क्यों बहकती है

हमेशा कुछ नया करने की सोचता हु
पर पुरानी गलियों में ही भटकता हु
ज़िन्दगी खाली खाली सी लगती है
ऐसा क्या है जिसको पाने के लिए भटकती है
ज़िन्दगी कुछ अधूरी सी लगती है
पल पल में न जाने क्यों बहकती है

मंजिल मेरे लिए नहीं है
सोचकर रास्ता बदल जाता हु
किस मंजिल को पाने की कोशिश करू
मै समझ नहीं पाता हु
ज़िन्दगी कुछ अधूरी सी लगती है
पल पल में न जाने क्यों बहकती है

Friday 8 June 2012

जाने कहा ले जाएगी ये ज़िन्दगी

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जाने कहा ले जाएगी ये ज़िन्दगी
और कितना सताएगी ये ज़िन्दगी

सूरज की तरह अपने आप में जल रहा हु मै
बर्फ की तरह तिल तिल कर पिघल रहा हु मै 
टुकडो में जी रहा हु , गिर गिर सम्हाल रहा हु मै
जाने कहा ले जाएगी ये ज़िन्दगी
और कितना रुलाएगी ये ज़िन्दगी

हर लड़ाई मै हार जाता हु
कुछ न हासिल मै कर पाता हु
अब की बार विजय ,अपने दिल को समझाता हु
जाने कहा ले जाएगी ये ज़िन्दगी
और कितना तडपायेगी ये ज़िन्दगी

सोचता हु जो उससे उल्टा हो जाता है
जो पास होता है वो भी खो जाता है
क्यों हो रहा है ये मेरे साथ मै न समझ पाता हु
जाने कहा ले जाएगी ये ज़िन्दगी
और कितना सताएगी ये ज़िन्दगी 

Tuesday 29 May 2012

यादें (Memories)

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कुछ पल बहुत याद आते है 
जो हमको तड़पा जाते है 
अपनी यादे  ताजा कर जाता हु 
आपको एक दास्ताँ सुनाता हु 
बात उस समय की है जब मै स्कुल जाया करता था 
तालाबो में मज़े से नहाया करता था 
दोस्तों में मेरा एक दोस्त था मुन्ना 
रहता था हरदम चौकन्ना 
हमेशा हसी मजाक किया करता था 
ज़िन्दगी को भरपूर जिया करता था 
लेकिन वक़्त ने ऐसी पलटी खाई 
उसने मौत को गले लगाई
जाने वो क्या कर गया 
हम दोस्तों के सीने में दर्द भर गया 
वो हमें आज भी याद आता है 
आँखों में आंसू दे जाता है 
कुछ पल बहुत याद आते है 
जो हमको तड़पा जाते है