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एक अपील

ऐ घर पे बैठे तमाशबीन लोग लुट रहा है मुल्क, कब तलक रहोगे खामोश शिकवा नहीं है उनसे, जो है बेखबर पर तु तो सब जानता है, मैदान में क्यों नही...

Wednesday 4 July 2012

एक अनाथ कि भावनाए (Feelings of an orphan)

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दुनिया कि भीड़ में, मै अकेला चल रहा हू
कभी उदास बैठा हू, तो कभी खुशी से उछल रहा हू

अपना कोई है नहीं, पराया किसी को कहते नहीं
मिलता है जो खुशी से, मिलते है हम भी हँसी से
तन्हाई से है प्यार, किसी का न इंतज़ार
कभी शहर तो कभी पेशा बदल रहा हू

दुनिया कि भीड़ में, मै अकेला चल रहा हू
कभी उदास बैठा हू, तो कभी खुशी से उछल रहा हू

मेहनत कि खाता हू, चैन से सो जाता हू
घर कभी बनाया नहीं, रह लेता हू मै हर कही
करता हू काम सच्चाई से, प्यार है अच्छाई से
माँ कि ममता के लिए तिल तिल पिघल रहा हू

दुनिया कि भीड़ में, मै अकेला चल रहा हू
कभी उदास बैठा हू, तो कभी खुशी से उछल रहा हू

गाडी बंगले का शौक नहीं, सादा जीवन ही सही
नहीं है मुझमे कोई व्यसन, जो भी कपडे मिल जाये लेता हू पहन
अनजान है ये डगर ,अनजान है ये सफर
देखकर दूसरे परिवारों को इर्ष्या से जल रहा हू

दुनिया कि भीड़ में, मै अकेला चल रहा हू
कभी उदास बैठा हू, तो कभी खुशी से उछल रहा हू


स्वतंत्रता दिवस (Independence Day)

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स्वतंत्रता दिवस जब आता है
हम सब में जोश भर जाता है
लाखों ने दी थी अपनी कुर्बानी
कइयो ने न्योछावर कि अपनी जवानी

वीरो ने लड़ी थी ये लड़ाई
सदियों बाद हमें जीत मिल पाई
कोई नहीं कर पायेगा उनकी भरपाई
जिन्होंने आजादी कि लड़ाई में जान गवाई

आज भी हमें याद है वो
आजादी के लिए लड़े थे जो
पर देश कि सरकार रही है सो
आजादी का सही मतलब रहा है खो

आमजनो कि आजादी रही है छीन
बर्ताव हो रहा इनके साथ औरो से भिन्न
आओ मिलकर एक ऐसा देश बनाए
सब रहे खुशी से ऐसा परिवेश बनाए

किसान (Former)

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मै एक किसान हू
बारिश न होने से परेशान हू
उगाता सब्जियां और धान हू
आधुनिक तकनीक से अनजान हू

मेहनत करता हू दिन रात
तब जाकर उगता है अनाज
हल चलाकर बोता हू बीज
गाय और बैल है मेरे मीत

कीट पतंगे और चूहे
दुश्मन है ये हमारे
मेरे उगाए अनाज से ही
पेट भरते है तुम्हारे

चाहे सुखा हो या बाढ़
दोनों लाते है दुखो का पहाड़
जूझ रहे है हम कमियों से
ठगे जा रहे है बिचौलियों से 

Tuesday 3 July 2012

डरता हू मै कहीं मेरे दामन में दाग न लग जाए

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डरता हू मै कहीं मेरे दामन में दाग न लग जाए
डरता हू मै कहीं लोग मुझे बेईमान कहकर न बुलाये
इसीलिए अपने कर्मो को साफ़ सुथरा रखता हू
जो मेरे जमीर को भाये वही काम करता हू
भ्रष्टाचार के नाम से ही चिढ आती है
गद्दारों कि संगत मुझे नहीं भाती है
आज ऊपर से नीचे तक हर कोई रिश्वत ले रहा
आम आदमी अपनी गाढ़ी कमाई का पैसा दे रहा
एक गरीब को साबित करने के लिए कि वो गरीब है
पैसा दे रहा ये कैसा उसका नसीब है
भ्रष्टाचारियों ने एक ऐसा किला है बनाया
जिसको आज तक कोई भेद नहीं पाया
निकला हू मै इसे उजाड़ने
सच्चाई और इमानदारी का झंडा गाड़ने 

शिक्षक (Teacher)

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देश के आधार स्तंभ है शिक्षक
यही तो बनाते है इंजीनीयर और चिकित्सक
अक्षरों को लिखना ये बताते
शब्दों को पढ़ना है सिखाते
बच्चो के है भाग्य निर्माता
कहते है सब इनको विधाता
सीधा सरल जीवन है इनका
करते है भलाई सबका
पक्षपात के बिना काम है करते
हमारी जीवनशैली का निर्माण है करते
स्वच्छता का है पाठ पढाते
सच झूठ को है पहचान जाते
गलतियों पर शिक्षकों का डटना फटकारना
जैसे सहारा देकर घड़े को कुम्हार का मारना
बड़ा महान है इनका काम
पुरे शिक्षक जाति को हमारा सलाम 

नेताजी (Politician)

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नेताजी है बड़े चतुर
चुनाव लड़ने रहते आतुर
लोगो को झूठे वादों में फसाते है
चुनाव जीतने के बाद सब भूल जाते है
भोलीभाली जनता को बेवकूफ बनाते है
झोलियाँ अपनी भरते जाते है
केवल चुनाव के समय ही दीखते है
बाकी समय तो विदेश में फिरते है
उज्जवल कपड़ो में हमेशा रहते है
करम उतने ही बुरे करते है
भ्रष्टाचार इनके लिए आम बात है
अय्याशी में गुजरती हर रात है
पाल के रखते है ये गुंडे
एक नहीं कई मुस्टंडे
जो बोले इनके खिलाफ
बंद कर देते उसकी आवाज़ 

Monday 2 July 2012

हाथो कि लकीरों पे मत यकीन करना

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हाथो कि लकीरों पे मत यकीन करना
ये तो बदलती रहती है
जिनके हाथ नहीं हुआ करते
उनकी भी जिंदगी चलती है

तेरे अपने करम ही
तेरा भविष्य लिखेंगे
बिना हवा चले तो
पत्ते भी न हिल सकेंगे

उठा औजार अपनी
और अपने कर्मो से लिख एक ऐसी कहानी
रखे लोग याद तुझे
चाहे पीढ़ियां हो जाए कितनी भी पुरानी

रास्ते में अगर आया कोई तूफ़ान
तो तू मन में ले ये ठान
अब जो भी हो अंजाम
पूरा करूँगा अपना काम 

Sunday 1 July 2012

तुझे किसी से डरना नहीं है (you have not afraid of anyone)

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तू वीर है इस जहाँ का , तुमसा कोई दूसरा नहीं है
तुझसे ही जुडी है लोगो कि आशाएं , तुझे किसी से डरना नहीं है

मुश्किलें हो अगर पर्वत सी बड़ी, चाहे जान पर बन आये तेरी
हौसला कर ले अपनी मैदान सी चौड़ी, तुझे कभी झुकना नहीं है

अगर राह है कांटो से भरी, और चलना है तुझे नंगे पांव
तो सर पे कफ़न बाँध ले अपनी, तुझे कभी मुडना नहीं है

मुकाबला हो चाहे ताकतवर गद्दार से, या हो पुरे संसार से
चाहे साथ न मिले किसी का,पर तुझे हारना नहीं है

हाथ लिए घातक हथियार, कोई करता रहे अन्याय अगर
चाहे सेना हो उसकी कितनी भी बड़ी, पर तुझे सहना नहीं है

बाढ़ (Flood)

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ये जो तबाही है
जो बाढ़ लेके आयी है
हर ओर बस पानी दिखता है
फिर कुछ न मन में सूझता है
जलमग्न हो गए है सब घर
हो गए है लाखो बेघर
कोई अपना बच्चा ढूंड रहा है
तो कोई अपनी माँ तलाश रहा है
देखते है हम जब इधर उधर
पानी में बह लाश रहा है
कई लोग पेडों के ऊपर है
संग सांप और अजगर है
कई उपरी टीले में बैठे है
भोजन कि आस में कई दिनों से भूखे है
राहत कार्य जब पहुंचा उनके पास
तब आयी उनके साँस में साँस
हो चुके थे सब उदास
अब जगी है जीने कि आस

जिंदगी (Life)

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ये जिंदगी भी अजीब है
सबका अपना अपना नसीब है
खुशिया मिले तो खुशनसीब है
गम मिले तो बदनसीब है

कभी हसाती है तो कभी रुलाती है
हमेशा कुछ नया कर जाती है
कभी लिखाती है तो कभी पढ़ाती है
जिंदगी हमें बहुत कुछ सिखाती है

समझना है इसको बड़ा मुश्किल
जाने कब किसको क्या जाए मिल
मैंने एक बात तो जाना है
दुःख के बाद सुख तो आना है

अब सुन लो मेरी बात
इसको रखना तुम याद
जिंदगी को जीना भरपूर
न रहना कभी बनके मजबूर 

जाने किस गलती कि सजा पा रहा हू (What is the mistake being punished)

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जाने किस गलती कि सजा पा रहा हू
क्यों मै ऐसे तड़प सा रहा हू
ज़हर जिंदगी का पिए जा रहा हू
क्यों मै ऐसे जिए जा रहा हू

रातो में चैन कि नींद नहीं मिलती
दिन में भी सुकून नहीं मिलती
हम काम करे तो कैसे करे
अब तो वो जूनून भी नहीं मिलती

अच्छे कामो के भी बुरे परिणाम निकल जाते है
सच बोलकर भी हम झूठे कहलाते है
अपनों के बीच में पराये हम बन जाते है
भीड़ में भी तन्हा हम अपने को पाते है

सब कुछ तो खो दिया है हमने
अब तो बहुत रो लिया है हमने
कब गुजरेगी ये काली रात
कब होगी खुशियों कि बरसात 

वो लड़की (That Girl)

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चांदनी से सराबोर वो हसीन रात
याद है मुझे उसकी हर एक बात
उसका हर शब्दों के बाद पलके झपकाना
हर बात पे उसका यु मुस्कुराना

झिलमिल सितारों से भरी आसमान
दिल में जगा रहे थे कई अरमान
घूर रहा था उसको मै होके हैरान
मज़ा आ रहा था करने में उसको परेशान

सरगम सी सुरीली उसकी आवाज़
छेड रहे थे दिल में कई साज
उठकर जब वो जाने लगी
आँखों में मेरे आंसू आने लगी

छोड़ गयी अपनी यादो कि बारात
जाने फिर कब मिलना होगा उसके साथ
जब भी वो याद आती है
दिल को बड़ा तडपाती है