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एक अपील

ऐ घर पे बैठे तमाशबीन लोग लुट रहा है मुल्क, कब तलक रहोगे खामोश शिकवा नहीं है उनसे, जो है बेखबर पर तु तो सब जानता है, मैदान में क्यों नही...

Tuesday 3 July 2012

शिक्षक (Teacher)

देश के आधार स्तंभ है शिक्षक
यही तो बनाते है इंजीनीयर और चिकित्सक
अक्षरों को लिखना ये बताते
शब्दों को पढ़ना है सिखाते
बच्चो के है भाग्य निर्माता
कहते है सब इनको विधाता
सीधा सरल जीवन है इनका
करते है भलाई सबका
पक्षपात के बिना काम है करते
हमारी जीवनशैली का निर्माण है करते
स्वच्छता का है पाठ पढाते
सच झूठ को है पहचान जाते
गलतियों पर शिक्षकों का डटना फटकारना
जैसे सहारा देकर घड़े को कुम्हार का मारना
बड़ा महान है इनका काम
पुरे शिक्षक जाति को हमारा सलाम 

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