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एक अपील

ऐ घर पे बैठे तमाशबीन लोग लुट रहा है मुल्क, कब तलक रहोगे खामोश शिकवा नहीं है उनसे, जो है बेखबर पर तु तो सब जानता है, मैदान में क्यों नही...

Wednesday 4 July 2012

स्वतंत्रता दिवस (Independence Day)

स्वतंत्रता दिवस जब आता है
हम सब में जोश भर जाता है
लाखों ने दी थी अपनी कुर्बानी
कइयो ने न्योछावर कि अपनी जवानी

वीरो ने लड़ी थी ये लड़ाई
सदियों बाद हमें जीत मिल पाई
कोई नहीं कर पायेगा उनकी भरपाई
जिन्होंने आजादी कि लड़ाई में जान गवाई

आज भी हमें याद है वो
आजादी के लिए लड़े थे जो
पर देश कि सरकार रही है सो
आजादी का सही मतलब रहा है खो

आमजनो कि आजादी रही है छीन
बर्ताव हो रहा इनके साथ औरो से भिन्न
आओ मिलकर एक ऐसा देश बनाए
सब रहे खुशी से ऐसा परिवेश बनाए

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