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एक अपील

ऐ घर पे बैठे तमाशबीन लोग लुट रहा है मुल्क, कब तलक रहोगे खामोश शिकवा नहीं है उनसे, जो है बेखबर पर तु तो सब जानता है, मैदान में क्यों नही...

Sunday 3 June 2012

आपस की लड़ाई (Battle of interconnect)

तुम ये क्या कर रहे हो
दुश्मनों के बजाय आपस में लड़ रहे हो
उन्होंने फायदे के लिए बाटा हमें
छोटी सी बात समझ नहीं आ रही तुम्हे
लड़ाई जो तुम आपस में करोगे
तो इसका नुकसान भी तुम ही भरोगे
कोई और इसका फायदा उठाएगा
तुम्हारे हिस्से में कुछ न आयेगा
तुम जो इस तरह जियोगे
तो आगे कैसे बढोगे
भाई को भाई से ये आपस में लड़ाते है
दुसरो की मुर्गी में दाल अपनी गलाते है
अब भी वक़्त है सम्हल जाने का
न लड़कर इस पचड़े से बाहर आने का
मिलकर रहोगे तो होगी प्रगति
आपस में लड़ोगे तो होगी दुर्गति 

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