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एक अपील

ऐ घर पे बैठे तमाशबीन लोग लुट रहा है मुल्क, कब तलक रहोगे खामोश शिकवा नहीं है उनसे, जो है बेखबर पर तु तो सब जानता है, मैदान में क्यों नही...

Tuesday 29 May 2012

सबसे प्यारा गाँव हमारा (Our fondest village)

सबसे प्यारा गाँव हमारा
हमको है प्राणों से प्यारा
स्वच्छ हवा बहती यहाँ है
स्वच्छ जल मिलती यहाँ है
खेत खलिहानों से भरा पूरा गाँव है
यहाँ हर तरफ पेड़ो की छाँव है
सबसे प्यारा गाँव हमारा
हमको है प्राणों से प्यारा
हर त्यौहार को उल्लास से मनाते है
बड़े बड़े तालाबो में नहाने हम जाते है
पर्यावरण का  ख्याल हम रखते
पेड़ो की रखवाली हम करते
सबसे प्यारा गाँव हमारा
हमको है प्राणों से प्यारा
बड़ो का यहाँ है आदर सम्मान
मुझको है अपने गाँव पे अभिमान
सादगी से सब जीवन जीते
गायो का पौष्टिक दूध सब पीते
सबसे प्यारा गाँव हमारा
हमको है प्राणों से प्यारा

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